The 5-Second Trick For Shodashi
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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
इस सृष्टि का आधारभूत क्या है और किसमें इसका लय होता है? किस उपाय से यह सामान्य मानव इस संसार रूपी सागर में अपनी इच्छाओं को कामनाओं को पूर्ण कर सकता है?
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
She will be the one particular acquiring extreme elegance and possessing electrical power of delighting the senses. Enjoyable intellectual and emotional admiration within the a few worlds of Akash, Patal and Dharti.
पुष्पाधिवास विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra generates a spiritual protect about devotees, safeguarding them from negativity and dangerous influences. This mantra acts being a supply of defense, helping individuals sustain a constructive setting no cost from psychological and spiritual disturbances.
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
The reverence for Tripura Sundari transcends mere adoration, embodying the collective aspirations for spiritual development plus the attainment of worldly pleasures and get more info comforts.
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥